उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: अमीत कुमार गुप्ता
बलिया उत्तरप्रदेश:---आयुर्वेद के अनुसार शंखपुष्पी (Shankhpushpi) एक ऐसी जड़ी-बूटी हैं जो दिमाग को स्वस्थ रखने के साथ-साथ अनेक तरह के बीमारियों के लिए औषधि के रूप में काम करती हैं। इसमें सुंदर सफेद या हल्के नीले फूल पाये जाते हैं।
■ आइये जानते हैं सेहत के लिए कितना फायदेमंद हैं शंखपुष्पी
1. इस जड़ी-बूटी को दिमाग और याद्दाश्त तेज करने वाला टॉनिक भी कहा जा सकता हैं। ये बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने का काम करती हैं। ये जड़ी-बूटी बढ़ती उम्र में याद्दाश्त कमजोर होने से भी रोकती हैं और इसे चिंता एवं डिप्रेशन को कम करने में भी असरकारी पाया गया हैं। इससे अल्जाइमर, तनाव, चिंता, डिप्रेशन और मानसिक तनाव जैसी कई समस्याओं का इलाज किया जा सकता हैं।
2. मूत्र रोग में शंखपुष्पी बहुत लाभकारी औषधि हैं। पेशाब करते समय जलन या दर्द होना, रुक-रुककर पेशाब होना, पेशाब में पस आना आदि रोग इसके सेवन से ठीक हो जाते हैं। ऐसे रोगों से राहत पाने के लिए प्रतिदिन शंखपुष्पी चूर्ण को गाय के दूध, मक्खन, शहद अथवा छाछ के साथ सेवन करने से लाभ होता हैं।
3. शंखपुष्पी के फूलों में एथेनॉलिक अर्क पाया जाता हैं, जो नॉन-एस्ट्रिफाइड फैटी एसिड के लेवल को कम करता हैं। इससे हार्ट अटैक, हार्ट ब्लॉक, ब्लड क्लॉट आदि गंभीर रोगों के जोखिम को कम करने में भी मदद मिलती। यह रक्त को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता हैं।
4. अगर मिर्गी के मरीज को बार-बार दौरा पड़ रहा हैं तो शंखपुष्पी के रस में शहद मिलाकर सुबह शाम पिलाने से मिर्गी में लाभ मिलता हैं।
5. डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए शंखपुष्पी के चूर्ण को सुबह-शाम गाय के मक्खन के साथ या पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में लाभ मिलता हैं।
6. शंखपुष्पी खून की उल्टी रोकने वाली उत्तम औषधि हैं। यदि किसी को खून की उल्टी हो रही हो तो शंखपुष्पी का रस, दूब घास तथा गिलोय का रस मिलाकर पिलाने से तत्काल लाभ होता हैं। नाक से खून बहने पर भी इसकी बूंद नाक में डालने से खून आना बंद हो जाता हैं।
7. शंखपुष्पी के फूल का इस्तेमाल पीलिया, पेचिश, बवासीर जैसे अन्य पेट से जुड़े विकारों के लिए किया जाता हैं। शंखपुष्पी का रस चेहरे की झुर्रियां और उम्र बढ़ने के लक्षणों को रोकने में मदद करता हैं।
8. गर्भाशय से निकलने वाले रक्त को रोकने के लिए यह एक उत्तम और पौष्टिक औषधि हैं। गर्भाशय से संबंधित किसी भी रोग में यह अत्यंत लाभकारी साबित होती हैं। इसके लिए शंखपुष्पी को हरड़, घी, शतावरी और शक्कर मिलाकर सेवन करना चाहिए।
9. अक्सर बच्चे रात में सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं। इस बीमारी में भी शंखपुष्पी का चूर्ण काम आता हैं। उन बच्चों को रात में सोते समय शंखपुष्पी चूर्ण और काला तिल मिलाकर दूध के साथ सेवन कराने से इस बीमारी से राहत मिलती हैं।
10. मौसम बदलने के साथ-साथ सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में शंखपुष्पी एक असरदार औषधि साबित होती हैं। खांसी में इसके रस का सेवन तुलसी और अदरक के साथ किया जाता हैं।
यह पोस्ट सिर्फ जानकारी हेतु हैं, शंखपुष्पी का सेवन किसी आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह से ही करें।