नई दिल्ली
इनपुट:सोशल मीडिया
नई दिल्ली :--- वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के कुछ दिनों बाद पूरे देश में हलचल मच गई. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बुधवार को इस घटना को गंभीरता से लिया और हिंसा की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की.एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति गुरुवार को कोलकाता पहुंचेगी और शुक्रवार को मुर्शिदाबाद में हिंसा से विस्थापित प्रभावित महिलाओं और परिवारों से मिलने के लिए मालदा जाएगी. टीम मालदा के पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट के अलावा अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ भी बैठक करेगी.
एनसीडब्ल्यू के एक अधिकारी ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में हुई बेहद परेशान करने वाली घटना को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने स्वत: संज्ञान लिया और हिंसा की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की है.'
जांच समिति का गठन मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान के मंदिरपारा क्षेत्र में सांप्रदायिक अशांति के दौरान कई महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की रिपोर्ट के बाद किया गया है. हिंसा के कारण सैकड़ों महिलाओं को पलायन करना पड़ा. इनमें से कई को सुरक्षा की तलाश में भागीरथी नदी पार करने के लिए मजबूर होना पड़ा और वे पास के मालदा जिले में शरण लेने लगीं.
एनसीडब्ल्यू ने कहा, 'ये महिलाएं अपने घरों से दूर हो गई हैं, डर और अनिश्चितता में जी रही हैं, अकल्पनीय हमला और नुकसान का सामना कर रही हैं.' एनसीडब्ल्यू ने कहा, 'इन महिलाओं को उनके घरों से निकाल दिया गया है। Front News India वे भय और अनिश्चितता में रह रही हैं.'
राहतकर व्यक्तिगत रूप से हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी, पीड़ितों से मिलेंगी तथा स्थिति का आकलन करने के लिए संबंधित अधिकारियों से बातचीत भी करेंगी. समिति में जांच में सहयोग देने तथा गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ. अर्चना मजूमदार तथा राष्ट्रीय महिला आयोग की उप सचिव डॉ. शिवानी डे भी शामिल होंगी.
समिति शनिवार को मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी, जिसमें शमशेरगंज, जाफराबाद और अन्य प्रभावित स्थान शामिल हैं. इस दौरे के दौरान टीम स्थानीय पीड़ितों, उनके परिवारों से बातचीत करेगी और मुर्शिदाबाद के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात करेंगी.
अधिकारी ने कहा, 'समिति उन परिस्थितियों की जांच करेगी जिनके कारण यह घटना हुई और संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई प्रतिक्रिया और उठाए गए कदमों का मूल्यांकन करेगी. यह पीड़ितों, उनके परिवारों, अधिकारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से संपर्क कर तथ्य जुटाएगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपचारात्मक उपाय सुझाएगी.' समिति को उचित समय और स्थान पर बैठकें आयोजित करने का अधिकार है तथा वह अपनी प्रक्रिया स्वयं विनियमित करेगी।