Type Here to Get Search Results !

custum trend menu

Stories

    प्रमोद निगम हत्याकांड में मुख़्तार अंसारी के दो शूटरों को उम्रकैद, वाराणसी एमपीएमएलए कोर्ट ने आठ साल पुराने केस में सुनाया फैसला


    उत्तर प्रदेश वाराणसी 
    इनपुट:सोशल मीडिया 


    वाराणसी :---ठेला पटरी व्यवसायी प्रमोद निगम हत्याकांड में वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी के दो शूटरों नंदलाल राय उर्फ बबलू लंगड़ और शेषनाथ शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय पंचम के न्यायाधीश यजुवेंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25 के तहत तीन वर्ष की सजा और 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
    गौरतलब है कि 17 जनवरी 2017 को दिनदहाड़े स्वच्छता दूत प्रमोद निगम की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद जब शव यात्रा हुकुलगंज स्थित उनके निवास से निकली, तो हजारों की संख्या में स्ट्रीट वेंडरों की भीड़ चौकाघाट चौराहे से इंग्लिशिया लाइन ले जाने की कोशिश करने लगी। हालात को देखते हुए जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी, क्षेत्राधिकारी अनुराग आर्य सहित भारी पुलिस बल ने लोगों को समझाकर शव को मणिकर्णिका घाट पहुंचाया।

    प्रमोद निगम, जो राष्ट्रीय फेरी पटरी ठेला व्यवसायी संगठन के संस्थापक-सचिव थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम वाराणसी द्वारा ‘स्वच्छता दूत’ के रूप में नामित किए गए थे। वह भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल जैसे संगठनों में सक्रिय रहते हुए राम जन्मभूमि आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके थे।

    हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त नंदलाल राय और शेषनाथ शर्मा पर पहले से ही गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, जिला बदर, हत्या, फिरौती और जमीन कब्जे जैसे संगीन आरोपों में मुकदमे दर्ज हैं।

    मामले के वादी अभिषेक निगम ने फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि यह केवल उनके पिता को न्याय नहीं, बल्कि करोड़ों स्ट्रीट वेंडरों के स्वाभिमान और संघर्ष की जीत है। उन्होंने न्यायपालिका और मोदी–योगी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस निर्णय ने आम जनमानस में न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास को और मजबूत किया है।


    अभियोजन पक्ष की ओर से अवधेश कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार सिंह और ओंकार तिवारी ने सजा के बिंदु पर प्रभावशाली बहस की, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अनिल राय ने पक्ष रखा।

    Bottom Post Ad

    Trending News

      Hollywood Movies