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    6 भाजपा शासित राज्यों ने नए वक्फ कानून के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया


    नई दिल्ली 
    इनपुट:सोशल मीडिया 


    नई दिल्ली :--- एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मध्य प्रदेश और असम सहित छह भाजपा शासित राज्यों ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिकता का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई में न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की तीन-न्यायाधीशों की पीठ आज दोपहर 2 बजे नए वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता के खिलाफ कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
    हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और असम की सरकारों ने अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। Front News India इनमें वक्फ (संशोधन) अधिनियम को रद्द करने या इसमें परिवर्तन करने पर पड़ने वाले संभावित प्रशासनिक और कानूनी प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है.
    हरियाणा ने मुख्य याचिका में हस्तक्षेप दायर किया है. इसने कहा कि संशोधन अधिनियम के तहत प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य बेहतर प्रशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करके वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में परिवर्तनकारी बदलाव लाना है.

    हरियाणा सरकार के हस्तक्षेप आवेदन में कहा गया, 'यह उजागर करना उचित है कि संशोधन अधिनियम का एक प्रमुख उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुनिश्चित करना है. साथ ही अधूरे सर्वेक्षण, अनुचित लेखांकन, वक्फ न्यायाधिकरणों और बोर्डों में मुकदमेबाजी की महत्वपूर्ण लंबितता और वक्फ संपत्तियों के अनियमित या गुम म्यूटेशन, मुतवल्लियों द्वारा लेखा परीक्षा प्रथाओं आदि जैसे मसलों का समाधान करना है.
    राजस्थान सरकार ने विगत की प्रथाओं पर चिंता जताई, जहां संपत्तियों को चाहे वे निजी स्वामित्व वाली हों या राज्य के स्वामित्व वाली हों बिना उचित प्रक्रिया के वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया जाता था.
    महाराष्ट्र सरकार ने जोर देकर कहा कि संसदीय रिकॉर्ड और सिफारिशें, राष्ट्रव्यापी परामर्श से एकत्रित जमीनी हकीकत, भारत में धार्मिक बंदोबस्ती कानूनों की तुलनात्मक रूपरेखा और वक्फ प्रशासन में पारदर्शिता की कमी और दुरुपयोग पर अनुभवजन्य डेटा प्रदान करके शीर्ष अदालत की सहायता करना महत्वपूर्ण है.
    मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि वक्फ कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के शासन और विनियमन में महत्वपूर्ण सुधार लाना है. असम सरकार ने संशोधित अधिनियम की धारा 3ई की ओर ध्यान आकर्षित किया. ये संविधान की पांचवीं या छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले अनुसूचित या जनजातीय क्षेत्रों में किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में घोषित करने पर रोक लगाती है. छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने तथा वक्फ बोर्डों और स्थानीय प्राधिकारियों के बीच समन्वय में सुधार लाने के महत्व पर बल दिया।


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