नई दिल्ली
इनपुट: समाचार डेस्क
नई दिल्ली:---भारत में इंटरनेट सेवाएं देने वाली दो सबसे बड़ी कंपनियों जियो और एयरटेल ने एलॉन मस्क से समझौता कर लिया है।
अब वे मस्क के स्टारलिंक सैटेलाइट के ज़रिए अपनी सेवाओं को बेहतर करेंगी और विस्तार भी।
कहा जा रहा है कि दूर-दराज़ के इलाक़ों तक में अब इंटरनेट सुविधाओं की गुणवत्ता बहुत सुधर जाएगी।
लेकिन इस डील के और भी पहलू हैं, जिन पर ग़ौर किया जाना चाहिए।
सबसे पहले तो ये कि क्या एलॉन मस्क ने पिछले दरवाज़े से भारत में एंट्री मार ली है। मस्क 2022 से ही भारत में कारोबार करना चाहता था मगर उसे इजाज़त नहीं मिल रही थी।
ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार उस पर मेहरबान होने लगी है। उसने अपनी टेसला कार का पहला शोरूम मुंबई में खोलने की तैयारी कर ली है।
अब स्टारलिंक की डील से वह भारत के सूचना तंत्र का भी हिस्सा बन जाएगा। जियो और एयरटेल भी उसे रोकने की कोशिश कर रही थीं मगर अब उन्होंने भी उससे हाथ मिला लिया है।
स्टारलिंक का विरोध इसलिए भी किया जा रहा था कि इससे हमारी सुरक्षा व्यवस्था को ख़तरा पैदा हो सकता है। किसी विदेशी सैटेलाइट पर निर्भरता युद्ध या किसी इमर्जेंसी में हमें भारी पड़ सकता है।
एलॉन मस्क ने हाल में यूक्रेन को जिस तरह से धमकाया था वह इसकी बानगी था। ++
वैसे रूस भी इसे भुगत चुका है। यूक्रेन पर हमले के तुरंत बाद स्विफ्ट के ज़रिए लेनदेन रुक गया था। भारत के लिए भी कभी ऐसी स्थितियाँ निर्मित हो सकती हैं।