उत्तर प्रदेश प्रयागराज
इनपुट: संतोष मिश्रा
प्रयागराज :----संभल की जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई मामले में जिला प्रशासन को झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को मस्जिद की रंगाई-पुताई का आदेश दे दिया. हाईकोर्ट ने ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया(ASI) को एक हफ्ते में मस्जिद के मूल ढांचे को बिना नुकसाान पहुंचाए रंग–रोगन का काम पूरा करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी की अर्जी आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कहा कि कमेटी केवल बाहरी दीवारों पर रंगाई-पुताई करा सकती है. हाईकोर्ट ने कहा कि मस्जिद की बाहरी दीवार पर लाइटनिंग भी लगाई जा सकती है, लेकिन बिना मूल ढांचे को नुकसान पहुंचाए.
मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका: 25 फरवरी 2025 को जामा मस्जिद कमेटी के वकील जाहिर असगर ने मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में अपील की थी कि हर साल रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई होती है, लेकिन इस बार प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है. मस्जिद की रंगाई-पुताई जरूरी है और इसलिए मस्जिद कमेटी को अनुमति मिलनी चाहिए. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी.
मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा, पहले थी हरिहर मंदिर: संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर के हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि पहले यह हरिहर मंदिर था. बाबर ने 1529 में इस मंदिर पर हमला करके इसका मूल ढांचा काफी हद तक गिरा दिया था. इसके बाद यहां मस्जिद बनवा दी गई थी. 19 नवंबर 2024 को संभाल के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में इसको लेकर एक अर्जी दाखिल की गई थी. सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने याचिका सुनने के बाद मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. इस आदेश के क्रम में कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. 19 नवंबर 2024 को ही शाम 4 बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई. 2 घंटे सर्वे के बाद रात हो जाने पर सर्वे कार्य रोक दिया गया.
24 नवंबर को भड़की थी हिंसा: इसके बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वे करने की एएसआई टीम जमा मस्जिद पहुंची. दोपहर होने के बाद मस्जिद के बहार बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई थी. इसके बाद भीड़ ने पुलिस टीम पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इसके बाद देखते ही देखते संभल में हिंसा भड़क गई. गोली और बम चलने लगे. इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 29 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. इसी दिन मस्जिद के आसपास के अलावा उपद्रवियों ने नखासा तिराहा और हिंदुपुरा खेड़ा इलाके में भी भारी बवाल किया था. कई वाहन और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था. एसपी और जिलाधिकारी पर भी जानलेवा हमला किया गया था.
इस केस में अबतक 10 आरोपियों को पुलेस जेल भेज चुकी है, जबकि 14 आरोपी अभी भी फरार बताए जा रहे हैं. तभी से मस्जिद में किसी भी तरह के निर्माण व रंग-रोगन के कार्य पर रोक लगा दी गई थी. एसटीएफ ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना सिंह की केर्ट में 20 फरवरी 2025 को 4025 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट के अनुसार हिंसा में कुल 12 अलग अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं. इनमें से 6 मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. शेष मामलों में अभी भी जांच जारी है.
2 जनवरी को दाखिल हुई थी सर्वे रिपोर्ट: संभल में शाही जामा मस्जिद की 4.5 घंटे की वीडियो रिकार्डिंग और 1200 फोटो चंदौसी कोर्ट को दिए गए थे. चंदौसी कोर्ट में 2 जनवरी 2025 को यह रिपोर्ट दाखिल हुई थी. रिपोर्ट में दावा किया गया कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के पर्याप्त सबूत मिले हैं. मस्जिद में 50 से अधिक फूल के निशान और कलाकृतियां मिली हैं ,जोकि इसके पूर्व में मंदिर होने के प्रमाण देती हैं. इस मस्जिद के अंदर दो वट वृक्ष भी हैं.
हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है. इसके अलावा मस्जिद में कुआं भी मिला है, जिसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर है और आधा हिस्सा बाहर है. बाहरी हिस्से को ढंक दिया गया है. इससे साफ पता चलता है कि पुराने ढांचे को तोड़कर नए ढांचे में तब्दील किया गया है. जहां पुराना ढांचा है, वहां नए निर्माण के पर्याप्त सबूत मिलते हैं. इसके अलावा दरवाजे झरोखों और दीवारों पर जो अंकृतियां बनी थीं, उसे प्लास्टर करके छिपा दिया गया है. मस्जिद के भीतर बड़ा गुंबद भी है, जिसपर झूमर लटक रही है. झूमर को जिस चेन से लटकाया गया है, इस तरह की चेन का इस्तेमाल मंदिरों में किया जाता रहा है।