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    National Herald Scam: क्या बिना FIR के मनी लॉन्ड्रिंग के तहत हो सकती है कार्रवाई?कांग्रेस के सवालों का ED ने दिया जवाब




    नई दिल्ली 
    इनपुट:सोशल मीडिया 

    नई दिल्ली :---नेशनल हेराल्ड केस में बिना एफआइआर के मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई और संपत्तियों की जब्ती को ईडी कानूनी रूप से वैध मानता है ईडी के अनुसार अदालत आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत नेशनल हेराल्ड घोटाले का संज्ञान ले चुका है।ध्यान देने की बात है कि बिना एफआइआर के मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई पर कांग्रेस पर सवाल उठा रहा है और इसे मोदी सरकार की बदले की राजनीति करार दे रहा है।एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2015 में मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज करने के पहले इसके लिए कानूनी विदों से सलाह ले ली गई थी और उनकी हरी झंडी मिलने के बाद ही इसकी जांच करने का फैसला किया गया था।
    दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग के तहत किसी मामले की जांच के लिए ईडी के पास सीमित अधिकार है। ईडी केवल उन्हीं मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर सकता है, जिनमें पहले से कोई अन्य जांच एजेंसी आपराधिक मामलों की जांच कर रही है।
    ईडी किन-किन आपराधिक मामलों में मनी लॉिड्रग की जांच कर सकता है इसकी पूरी सूची बनी है, जिसमें आइपीसी की धाराओं के तहत दर्ज आपराधिक मामले भी शामिल हैं।

    'एफआइआर किसी मामले की जांच शुरू होने का प्राथमिक प्रमाण है'

    मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत सूचीबद्ध मामलों में जांच शुरू करने के लिए एफआइआर की अनिवार्यता के बारे में पूछने पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एफआइआर किसी मामले की जांच शुरू होने का प्राथमिक प्रमाण है। यदि अदालत उस एफआइआर के तहत हुई जांच से संतुष्ट नहीं हो और चार्जशीट को खारिज कर दे, तो मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी खत्म हो जाता है क्योंकि इसकी जांच के लिए कोई केस बचता ही नहीं है।
    वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नेशनल हेराल्ड के मामले में भले ही किसी थाने में एफआइआर दर्ज नहीं हुई हो, front News India लेकिन इस मामले में की गई शिकायत और दिये गए सबूतों को अदालत में सुनवाई के लिए पर्याप्त पाया और मामले का संज्ञान लेते हुए आरोपितों को समन भी जारी कर दिया। खासबात यह है कि दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी पटियाला हाऊस कोर्ट के इस फैसले को सही ठहराया था।


    ® *_सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बंगाल हिंसा का मामला, विशेष टीम से जांच के लिए याचिका दायर_*



    नई दिल्ली। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने हिंसा और मौतों की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाने और सुप्रीम कोर्ट से इस जांच की निगरानी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लोगों की जान बचाने और आगे की हिंसा को रोकने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।

    दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ। हिंसा के बाद मुर्शिबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती की गई। इस हिंसा में तीन लोगों की जान गई है। पिछले हफ्ते मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना, मालदा और हुगली सहित बंगाल के अन्य जिलों में हुई हिंसा के बाद से 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

    वक्फ कानून के खिलाफ पिछले हफ्ते शुक्रवार को बड़ा प्रदर्शन किया। बाद में यह प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया। इसके अलावा पुलिस पर पत्थरबाजी की गई। इस दौरान पुलिस ने बल का प्रयोग किया। उपद्रवीयों ने पुलिस की कई वन को आग के हवाले कर दिया इसके अलावा जमकर तोड़फोड़ की गई।

    कई जिलों में प्रदर्शन जारी

    उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ बंगाल के मुस्लिम बहुल जिले मुर्शिदाबाद व दक्षिण 24 परगना में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज के जाफराबाद में सोमवार को फिर हालात बिगड़ गए।

    उपद्रवियों ने यहां स्थिरता बहाली के लिए तैनात केंद्रीय बल के जवान व पुलिस को लक्ष्य कर भारी पथराव किया। कुछ देर के लिए केंद्रीय बल के जवानों को पीछे हटना पड़ा। बाद में बड़ी संख्या में केंद्रीय बल के जवान व पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे तथा स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस हमलावरों की तलाश कर रही है।

    बताया जा रहा है कि दक्षिण 24 परगना के भांगड़ के सोनपुर में सोमवार को उपद्रवियों ने पुलिस वैन में तोड़फोड़ की। पुलिस की पांच बाइकों को आग के हवाले कर दिया। वहीं, सिलीगुड़ी के चार नंबर वार्ड अंतर्गत ज्योति नगर इलाके में सोमवार सुबह अचानक हिंसा भड़क उठी। दो पक्षों के बीच तीव्र विवाद के बाद कई घरों में तोड़फोड़ की गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।

    इंटरनेट सेवा बंद की गई

    बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत अन्य जिलों में फैली हिंसा को देखते हुए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। राज्य पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम ने बताया कि दूसरे राज्यों के कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा स्थिति के बारे में अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए फिलहाल कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।

    हिंसा के दौरान 200 हिंदू घरों को जलाए जाने का दावा

    सूत्रों के अनुसार, हिंसा के दौरान मुर्शिदाबाद में करीब 200 हिंदू घरों को जला दिया गया। लोगों का आरोप है कि गैस सिलिंडर खोलकर और पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। Front News India उपद्रवियों ने बड़ी संख्या में घरों व दुकानों में लूटपाट और आगजनी की। कई तालाबों में उपद्रवियों द्वारा जहर मिलाने का भी आरोप है, जिससे बड़ी संख्या में मछलियां मर गईं। पान के बागानों में भी आगजनी का आरोप है।

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