उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: रमाशंकर गुप्ता
बलिया उत्तरप्रदेश:---शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी, खंडहर जैसी हवेली खड़ी थी। लोग कहते थे कि वहाँ अजीब घटनाएँ होती हैं। कुछ ने वहाँ से डरावनी आवाज़ें सुनी थीं, तो कुछ ने दावा किया था कि उन्होंने हवेली की खिड़कियों से परछाइयाँ देखी थीं।
राहुल और उसकी जिज्ञासा
राहुल को रहस्यमयी जगहों के बारे में जानने का बहुत शौक था। जब उसने हवेली के बारे में सुना, तो उसकी उत्सुकता बढ़ गई। उसके दोस्त चेतन, पायल और समीर ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की कि वहाँ जाना खतरे से खाली नहीं है, पर राहुल ने ठान लिया था कि वह इस रहस्य से पर्दा उठाकर रहेगा।
एक दिन, बिना किसी को बताए, राहुल ने हवेली में जाने की योजना बनाई। आधी रात को, एक टॉर्च और मोबाइल लेकर वह जंगल की तरफ निकल पड़ा।
हवेली के अंदर
हवेली के पास पहुँचते ही उसे ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। चारों ओर अजीब-सा सन्नाटा था। दरवाजा हल्के से धक्का देते ही चरमराने की आवाज़ के साथ खुल गया। अंदर घुप्प अंधेरा था। उसने टॉर्च जलाकर इधर-उधर देखा।
हॉल में पुरानी पेंटिंग्स टंगी थीं, जिन पर धूल जमी थी। दीवारों पर मकड़ी के जाले थे और फर्श पर टूटी हुई लकड़ियाँ बिखरी थीं। अचानक, उसे एक हल्की सरसराहट सुनाई दी। वह चौंका, लेकिन खुद को संभालते हुए आगे बढ़ा।
रहस्यमयी परछाई
राहुल धीरे-धीरे सीढ़ियों से ऊपर चढ़ने लगा। तभी उसे एक परछाई दिखी जो तेजी से एक कमरे में चली गई। राहुल की धड़कन तेज हो गई, पर उसने हिम्मत नहीं हारी। वह उस कमरे की ओर बढ़ा और दरवाजा खोला।
कमरे में एक पुरानी अलमारी थी, एक टूटा हुआ झूला और दीवार पर एक पुरानी तस्वीर टंगी थी। तस्वीर में एक परिवार था—एक आदमी, एक औरत और एक बच्चा। अचानक, हवा का एक झोंका आया और तस्वीर ज़मीन पर गिर गई।
राहुल ने अलमारी खोलने की कोशिश की, लेकिन वह जाम थी। तभी उसे पीछे से किसी के सांस लेने की आवाज़ सुनाई दी। उसने तुरंत मुड़कर देखा, पर वहाँ कोई नहीं था।
छुपा हुआ दरवाजा
राहुल अलमारी के पास गया और ज़ोर से धक्का दिया। तभी अलमारी के पीछे एक गुप्त दरवाजा दिखा। राहुल ने उसे खोला और अंदर झाँका।
कमरा एक तहखाने में खुलता था। वहाँ कुछ पुराने सामान रखे थे और एक मेज पर ढेर सारे कागज़ फैले थे। एक डायरी पड़ी थी, जिस पर धूल की मोटी परत जमी थी।
राहुल ने उसे उठाया और पहला पन्ना खोला। लिखा था:
"यदि कोई यह डायरी पढ़ रहा है, तो उसे यह जान लेना चाहिए कि इस हवेली में कुछ रहस्य छुपे हैं। मैं इसे उजागर करना चाहता था, पर शायद अब मैं यह कभी नहीं कर पाऊँगा।"
राहुल ने पन्ने पलटने शुरू किए। डायरी के अनुसार, यह हवेली कभी राजा विक्रम सिंह की थी। उनके पास एक बहुमूल्य हीरा था, जिसे ‘नवरत्न मणि’ कहा जाता था। कहा जाता था कि वह हीरा इतना शक्तिशाली था कि जो भी उसे छूता, उसकी किस्मत बदल जाती। लेकिन एक दिन वह हीरा रहस्यमय तरीके से गायब हो गया, और उसी के बाद राजा भी लापता हो गए।
भूत या कोई और?
राहुल जब डायरी पढ़ रहा था, तभी अचानक किसी के पैरों की आहट सुनाई दी। वह तेजी से मुड़ा, लेकिन कुछ नहीं दिखा। अचानक दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो गया। राहुल ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, पर वह अंदर से लॉक हो चुका था।
तभी एक धीमी आवाज़ आई, "तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था!"
राहुल का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। उसने टॉर्च चारों ओर घुमाई। तभी एक छाया उसके सामने आई। वह डर के मारे पीछे हट गया।
"क-कौन हो तुम?" राहुल ने डरते हुए पूछा।
परछाई धीरे-धीरे पास आई, और अब राहुल को स्पष्ट दिखा यह कोई भूत नहीं बल्कि एक बूढ़ा आदमी था।
राज़ का पर्दाफाश
बूढ़े आदमी ने धीरे से कहा, "मैं इस हवेली का चौकीदार हूँ। सालों पहले, राजा विक्रम सिंह ने इस हीरे को बचाने के लिए इसे तहखाने में छिपा दिया था। लेकिन कुछ चोर इसे चुराने आ गए। राजा ने उन्हें रोकने की कोशिश की, पर वह खुद ही इस तहखाने में फँस गए। तभी से यह हवेली सुनसान पड़ी है।"
"लेकिन लोग कहते हैं कि यहाँ भूत हैं?" राहुल ने पूछा।
बूढ़ा हँसा, "यह सिर्फ अफवाहें हैं। लोगों को डराने के लिए ही ये कहानियाँ फैलाई गई हैं, ताकि कोई इस हीरे तक न पहुँचे।"
राहुल ने चारों ओर देखा। उसे एक पुरानी तिजोरी दिखी। बूढ़े आदमी ने एक चाबी निकाली और तिजोरी खोली। अंदर एक छोटा-सा डिब्बा रखा था। जब बूढ़े ने उसे खोला, तो अंदर चमचमाता हुआ 'नवरत्न मणि' रखा था।
"अब यह क्या होगा?" राहुल ने पूछा।
"इसे सरकार को सौंपा जाएगा, ताकि यह सही हाथों में रहे," बूढ़े ने कहा।
राहुल मुस्कुराया। उसने हवेली के सबसे बड़े रहस्य से पर्दा उठा दिया था। अगली सुबह, उसने पुलिस को सूचना दी, और 'नवरत्न मणि' को संग्रहालय में सुरक्षित रख दिया गया।
राहुल ने साबित कर दिया कि कभी-कभी डर सिर्फ मन का वहम होता है, और हिम्मत से हर रहस्य सुलझाया जा सकता है।
समाप्त!😊