रंगभरी एकादशी : फूलों की पालकी पर सवार होकर गर्भगृह पहुंचे काशी विश्वनाथ और मां गौरा, भक्तों ने खेली फूल की होली, जमकर उड़े अबीर-गुलाल

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उत्तर प्रदेश वाराणसी
इनपुट: रमाशंकर गुप्ता 




वाराणसी :--- श्री काशी विश्वनाथ धाम में रंगभरी एकादशी का पर्व भव्य और दिव्य तरीके से मनाया गया। इस दौरान श्री काशी विश्वनाथ महादेव और मां गौरा की रजत प्रतिमा को फूलों की पालकी पर विराजमान कराकर पालकी यात्रा निकाली गई। प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित कर विधिविधान से पूजन-अर्चन किया गया। भक्तों ने धाम में फूल की होली खेली। वहीं जमकर अबीर-गुलाल उड़ाकर रंगोत्सव की खुशियां बांटीं। 


मंदिर न्यास की ओर से परंपरा का निर्वहन करते हुए श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं माता गौरा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन अनुष्ठान किया गया। रंगभरी एकादशी उत्सव में महादेव के अनन्य भक्त काशीवासियों एवं श्रद्धालुओं ने प्रत्येक परंपरा के निर्वहन में अपनी भूमिका निभाई। समारोहपूर्वक विधि- विधान से प्रत्येक परम्परागत अनुष्ठान को संपन्न करने में मंदिर न्यास का पूर्ण सहयोग किया। उत्सव में शामिल हुए काशीवासी एवं श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा को फूलों की पंखुड़ियां, अबीर- गुलाल अर्पित कर आनंदित होते रहे। फूलों से सुसज्जित रजत पालकी पर विराजमान श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं माता गौरा की मनभावन चल रजत प्रतिमा की शोभायात्रा में शामिल होकर भक्तगण धन्य हो गए। 




गोधूलि बेला में मंदिर चौक से डमरू के गगनभेदी नाद और शंख की मंगल ध्वनि के बीच शास्त्री अर्चन करते हुए श्री विश्वेश्वर महादेव एवं मां गौरा की पालकी यात्रा प्रारंभ की गई। पालकी पर शोभायमान श्री विश्वेश्वर महादेव एवं मां गौरा की प्रतिमा की अद्वितीय आभा ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। हर हर महादेव के गगनचुंबी उद्घोष और बम बम भोले के अटूट जयघोष के बीच शोभायात्रा आगे बढ़ती रही। उड़ते अबीर- गुलाल और फूलों की पंखुड़ियां की वर्षा के बीच देवाधिदेव महादेव एवं माता गौरा की पालकी शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से होते हुए श्री काशी विश्वनाथ महादेव के गर्भगृह पहुंची। गर्भगृह में शोभायात्रा पहुंचने पर विधि- विधान से श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा की चल रजत प्रतिमा का पूजन अर्चन किया गया। 



 प्रातः काल से ही शुरू हो गए अनुष्ठान
 प्रातः काल से ही रंगभरी एकादशी का पूजन अर्चन अनुष्ठान प्रारंभ कर दिया गया। मंदिर प्रांगण में श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा की चल रजत प्रतिमा का विधि- विधान से शास्त्रीय अर्चन कर पूजन अनुष्ठान किया गया। मंदिर न्यास की ओर से महादेव एवं माता गौरा को वस्त्र, चंदन, भस्म, पुष्प, अबीर- गुलाल, भोग, मेवा मिष्ठान अर्पित की गई। पूजन के पश्चात रजत पालकी पर श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं मां गौरा को मंदिर चौक लाया गया। मंदिर चौक पर महादेव एवं मां गौरा की चल रजत प्रतिमा का भक्तगण दर्शन लाभ लेकर फूलों की पंखुड़ियां, अबीर- गुलाल अर्पित करने के बाद आपस में अबीर- गुलाल लगाकर रंगोत्सव की खुशियां बांटते रहे। 



रंगभरी एकादशी उत्सव में बाबा विश्वनाथ का धाम उमंग और उत्साह से सराबोर रहा। भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु अपने आराध्य देवाधिदेव महादेव एवं माता गौरा को पूरे भाव से अपनी भक्ति अर्पित करते रहे। मंदिर न्यास की ओर से सभी काशीवासियों एवं श्रद्धालुओं का बड़े ही आदर एवं आत्मीय भाव से स्वागत किया गया। इस संपूर्ण आयोजन को लोकमानस के निकट रखते हुए परंपरागत रूप से संपन्न करने के लिए मंदिर न्यास निरंतर प्रयासरत रहा। मंदिर न्यास ने काशीवासियों से अपने आराध्या के इस विशेष पर्व में शामिल होकर परंपराओं का निर्वहन करने का निवेदन किया था, जिसे प्रत्येक काशीवासी ने सहर्ष स्वीकार कर इस उत्सव को उमंग और उत्साह से संपूर्ण कराया।

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