उत्तर प्रदेश वाराणसी
इनपुट: अमीत कुमार गुप्ता
वाराणसी :--- काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण को जनहित याचिका के रूप में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।
यह याचिका विजय प्रकाश शुक्ला द्वारा दाखिल की गई, जिस पर अधिवक्ता विक्रांत पांडेय और रनविजय सिंह ने बहस की। न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने इस मामले को 10 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि ट्रॉमा सेंटर आईएमएस बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. सौरभ सिंह और सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके गुप्ता ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर अपने करीबी रिश्तेदारों को अत्यधिक दरों पर टेंडर देकर वित्तीय अनियमितता की है। इससे विश्वविद्यालय को लगभग एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि संस्थान में खरीदी गई सामग्रियों में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। 2020-21 के ऑडिट की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई थी, लेकिन उसके बाद की ऑडिट रिपोर्ट को विश्वविद्यालय प्रशासन ने देने से इनकार कर दिया। प्रस्तुत ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, पीएम केयर फंड के तहत घटिया वेंटिलेटर खरीदे गए थे। साथ ही, 7.98 करोड़ रुपये की दवाइयों की खरीद एक निजी कंपनी से की गई, जिसमें अनियमितताएं बताई जा रही हैं।