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    अमरबेल बालों को मजबूत बनाती है अमरबेल कमजोरी दूर करती है अमरबेल कमजोरी दूर करती है अमरबेल : संतोष कुमार गुप्ता

    बलिया उत्तर प्रदेश
    इनपुट: हिमांशु शेखर 



    बलिया उत्तरप्रदेश:---अमरबेल (Cuscuta) एक लता है। आपने इसे कई पेड़ों से लिपटा देखा होगा। यह प्रायः बबूल, बेर आदि पेड़ पर लिपटी नजर आती है। अमरबेल खेतों में भी मिल जाती है। इसका तना लंबा और पतला होता है। अमरबेल के तने से कई सारी पतली-पतली और शाखाएँ निकलती हैं। शाखाएँ काफी मजबूत होती हैं। इसकी लता और बीज का उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। अमरबेल के प्रयोग द्वारा आप रोगों से बच सकते हैं। इसके साथ ही अमरबेल का प्रयोग कर बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं।
        आयुर्वेद में यह बताया गया है कि अमरबेल वीर्य को बढ़ाता है, पाचनशक्ति ठीक करता है और आँख के रोगों में लाभदायक होता है। हृदय को स्वस्थ रखता है। यह पित्त, कफ के विकार और खराब पाचन से बनने वाले वात को भी ठीक करता है। यह मल के निकले को आसान बनाता है। इसके साथ ही अमरबेल के फायदे और भी हैं। आइए सभी लाभ के बारे में जानते हैं।
    बालों को मजबूत बनाती है अमरबेल:-
    अमरबेल को तिल या शीशम के तेल में पका लें। इसे सिर पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं। इससे गंजेपन में लाभ होता है।
      लगभग 50 ग्राम अमरबेल को कूटकर एक लीटर पानी में पका लें। इससे बालों को धोने से बाल में चमक आती है और बाल सुनहरे होते हैं। इससे बालों का झड़ना तो रुकता ही है साथ ही रूसी भी खत्म होती है।
    मस्तिष्क रोग में अमरबेल से फायदा:-
    अमरबेल के 5-10 मि.ली. रस को पानी के साथ रोजाना सुबह और शाम पीने से मस्तिष्क रोग ठीक होता है।
    आँख आने की परेशानी में अमरबेल से लाभ:-
    10-20 मि.ली. अमरबेल के रस में चीनी मिलाकर आँखों पर लगाने से आँख आना और आँखों की जलन की परेशानी से आराम मिलता है।
    जीभ के घाव में अमरबेल के प्रयोग से लाभ:-
    अमरबेल पञ्चाङ्ग के पेस्ट को जीभ पर लेप करने से जीभ के घाव तुरंत भर जाते हैं।
    पेट के रोग में अमरबेल के इस्तेमाल से फायदा:-
    अमरबेल को उबालकर पीसकर पेट पर लेप करने से पेट के रोग ठीक होते हैं। आकाश बेल का रस आधा लीटर और एक किलोग्राम मिश्री को मिलाकर धीमी आँच पर उबालते हुए शर्बत तैयार कर लें।
     इसे सुबह और शाम 2 मि.ली. की मात्रा में पानी मिलाकर पीने से पेट की गैस और पेट के दर्द की समस्या ठीक होती है।
    अमरबेल पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर उससे पेट पर सेंक करने से उलटी बंद होती है तथा पेट का दर्द ठीक होता है।
    अमरबेल के सेवन से बवासीर में लाभ:-
    अमरबेल के 10 मि.ली. रस में 5 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खूब घोंटकर रोज सुबह पिला दें। तीन दिन में ही खूनी और बादी बवासीर में विशेष लाभ होगा।
    लीवर विकार में अमरबेल का उपयोग फायदेमंद:-
    5-10 मिली अमरबेल के रस का सेवन करने से बुखार, लिवर विकार तथा कब्ज में लाभ होता है।
    अमरबेल के 10-20 मिली काढ़े को पीने से या इसके पेस्ट को आमाशय तथा पेट पर लेप करने से फैटी लीवर ठीक होता है। आकाशवल्ली का प्रयोग पेशाब को बढ़ाने के लिए तथा किडनी की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है।
    प्रसूती स्त्री से जुड़ी परेशानी में करें अमरबेल का इस्तेमाल:-
    10-20 मिली अमरबेल के काढ़े को पिलाने से प्रसूता स्त्री की अपरा (Placenta) जल्दी निकल जाती है।
    ★हाइड्रोसील (अंडकोष की बीमारी) की समस्या में अमरबेल का उपयोग फायदेमंद:-
    अमरबेल का काढ़ा बनाएं। काढ़े की भाप से अण्डकोष को पसीना आने तक सेंकने से अण्डकोष की सूजन ठीक होती है।
    जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए करें अमर बेल का उपयोग:-
    अमरबेल के काढ़े या अमरबेल को पीसकर गुनगुना कर लेप करने से गठिया जैसी बीमारी में होने वाली परेशानी जैसा- जोड़ों का दर्द तथा सूजन की समस्या से आराम मिलता है। इस काढ़े का प्रयोग स्नान करने के लिए भी करना चाहिए।
    ★घाव सुखाने के लिए करें अमरबेल का प्रयोग:-
    अमरबेल के 2-4 ग्राम चूर्ण या ताजी बेल को पीसकर सोंठ और घी मिलाकर लेप करने से पुराना घाव भी भर जाता है।
    अमरबेल पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर उससे घाव को धोने से घाव तथा त्वचा की सूजन ठीक होते हैं।
    खुजली की दवा अमरबेल:-
    अमरबेल को पीसकर लेप करने से खुजली शांत होती है।
    4 ग्राम ताजी अमरबेल का काढ़ा बनाकर पीने से पित्त के कारण होने वाले विकार ठीक होते हैं। इसससे खून भी साफ होता है।
    कमजोरी दूर करती है अमरबेल:-
    10 ग्राम ताजी अमरबेल को मसलकर साफ महीन कपडे में पोटली बांधें। इसे आधे लीटर गाय के दूध में डालकर धीमी आँच पर पकाएं। जब इसका एक चौथाई दूध जल जाए तब ठंडा कर मिश्री मिलाकर पिएँ। इससे शरीर की कमजोरी दूर होती है।
    बुखार उतारने के लिए करें अमरबेल का सेवन:-
    अमरबेल पञ्चाङ्ग के चूर्ण का सेवन करने से बुखार ठीक होता है। तीसरे या चौथे दिन आने वाले बुखार में भी अमरबेल को गले में बांध लेने से बुखार नहीं चढ़ता है।
    शिशुओं के रोग में फायदेमंद अमरबेल:-
    अमरबेल को शुभ मुहूर्त में लाकर सूती धागों में बाँधकर बच्चों के गले व बाँह में बांधने से विभिन्न प्रकार के शिशु रोग ठीक होते हैं।
    कैंसर के इलाज में फायदेमंद अमरबेल:-
    कैंसर को रोकने में अमरबेल का प्रयोग फायदेमंद होता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार इसमें कैंसरोधी गुण पाया जाता है साथ ही इसमें आयुर्वेद के अनुसार  इसमें रसायन गुण के कारण यह कैंसर के लक्षणों को रोकने में मदद करती है। 
    डायबिटीज को नियंत्रित करने में फायदेमंद अमरबेल:-
    एक रिसर्च के अनुसार अमरबेल में एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते है। इसके कारण यह डायबिटीज जैसी समस्या में उसके लक्षणों को कम कर लाभ पहुंचता है।  
    ★हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में फायदेमंद अमरबेल:-
    अमरबेल में बल्य गुण पाए जाने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाये रखने में भी सहयोगी होता है ।  
    ★प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में लाभकारी अमरबेल:-
    प्रतिरक्षा प्रणाली सुधारने में भी अमरबेल मदद करती है क्योंकि इसमें रसायन गुण पाया जाता है।  
    चोट लगने पर जलन के लक्षण से उभारे अमरबेल:-
    चोट लगने पर यदि जलन अदि लक्षण होते है तो ऐसे में अमरबेल में पाए जाने वाले पित्त शामक एवं शीत गुण इनको ठीक करने में मदद कर सकता है।  
    नजर कमजोर होने पर अमरबेल का औषधीय गुण फायदेमंद:-
    एक रिसर्च में बताया गया है की अमरबेल आँखों की थकान को दूर करता है, आँखों का सूखना या धुंधलापन दूर करने में भी सहयोगी होता है।  

    अमरबेल के सेवन की मात्रा◆
    रस – 10-20 मि.ली.

    कमजोरी दूर करती है अमरबेल:-
    अमरबेल के पौधे का अधिक लाभ पाने के लिए और उपयोग का सही तरीका जानने के लिए चिकित्सक से परामर्श करें।
    नोट- उपरोक्त समस्त जानकारी आचार्य बालकृष्ण के लेखों, वीडियोज आदि से एकत्रित की गई है, उपयोग से पूर्व किसी वैद्य या चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें, धन्यवाद!

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