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    कनेर का पौधा वैसे तो एक आम पौधा बालों के झड़ने की समस्या दूर करें जानिए इस फूल के आयुर्वेदिक उपचार…


    बलिया उत्तरप्रदेश 
    इनपुट: संतोष कुमार गुप्ता 



    बलिया उत्तरप्रदेश:---किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है यह फूल, मिल जाए तो कभी छोड़ना मत 
    कनेर का पौधा वैसे तो एक आम पौधा है जो अधिकाश घरों में देखने को मिल जाता है। ये पौधा भारत में लगभग हर जगह देखा जा सकता है। यह सदाहरित झाड़ी है जो हिमालय में नेपाल से लेकर पश्चिम के कश्मीर तक, गंगा के ऊपरी मैदान और मध्यप्रदेश में बहुतायत से पाई जाती है। अन्य प्रदेशों में यह कम पाई जाती है। इस पौधे को अंग्रेजी में thevetia peruviana कहते हैं एक सदाबहार पौधा है | कनेर के पौधों में पीले और ऑरेंज रंगों के फूल होते हैं कनेर के पत्तों और फूलों का उपयोग कई आयुर्वेदिक तरीकों से किया जाता आया है। वैद्य बताते है कि कनेर के फूल को संजीवनी बूटी के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। कनेर की पत्तियाँ बालों के लिए काफी लाभकारी होती है ये न की सिर्फ बालो को झड़ने से रोकती है बल्कि इसके नियमित इस्तेमाल से नए बाल भी उगते हैं। जानिए इस फूल के आयुर्वेदिक उपचार…

    घाव

    कनेर के सूखे हुए पत्तों का चूर्ण बनाकर घाव पर लगाने से घाव जल्द भर जाते हैं।

    फोड़े-फुंसियां

    कनेर के लाल फूलों को पीसकर लेप बना लें और यह लेप फोड़े-फुंसियों पर दिन में 2 से 3 बार लगाएं। इससे फोड़े-फुंसियां जल्दी ठीक हो जाते हैं।

    दाद

    – कनेर की जड़ को सिरके में पीसकर दाद पर 2 से 3 बार नियमित लगाने से दाद रोग ठीक होता है।

    – कनेर के पत्ते, आंवला का रस, गंधक, सरसों का तेल और मिट्टी के तेल को मिलाकर मलहम बना लें। इस मलहम को दाद पर लगाने से दाद खत्म होता है।

    – लाल या सफेद फूलों वाली कनेर की जड़ को गाय के पेशाब में घिसकर लगाने से दाद ठीक होता है। इसका लेप बवासीर व कुष्ठ रोग को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।

    बालों के झड़ने की समस्या दूर करें

    आज कई लोग बालों के झड़ने की समस्या से परेशान हैं| अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं| तो इस फूल से आप अपने बालों का झड़ना रोक सकते हैं| सबसे पहले आप इस फूल को पानी में उबाल लें उसके बाद उस पानी को छानकर ठंडा कर ले फिर उस पानी से बालों को धोएं| इस उपाय को सप्ताह में 3 दिन करने से आपके बालों का झड़ना धीरे-धीरे बंद हो जाएगा|

    चेहरे के लिए फायदेमंद

    कनेर के फूल को पीसकर इसका लेप चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग धब्बे और पिंपल्स जल्द ही दूर हो जाते हैं|

    सांप, बिच्छू का जहर

    सफेद कनेर की जड़ को घिसकर डंक पर लेप करने या इसके पत्तों का रस पिलाने से सांप या बिच्छू का जहर उतर जाता है।

    बवासीर

    – कनेर और नीम के पत्ते को एक साथ पीसकर लेप बना लें। इस लेप को बवासीर के मस्सों पर प्रतिदिन 2 से 3 बार लगाएं। इससे बवासीर के मस्से सूखकर झड़ जाते हैं।

    – कनेर की जड़ को ठंडे पानी के साथ पीसकर दस्त के समय जो अर्श (बवासीर) बाहर निकल आते हैं उन पर लगाएं। इससे बवासीर रोग ठीक होता है।

    नंपुसकता

    – सफेद कनेर की 10 ग्राम जड़ को पीसकर 20 ग्राम वनस्पति घी के साथ पका लें। इस तैयार मलहम को पर सुबह-शाम लगाने से नुपंसकता दूर होती है।

    – सफेद कनेर की जड़ की छाल को बारीक पीसकर भटकटैया के रस के साथ पीसकर लेप बना लें। इस लेप को 21 दिनों के अंतर पर की सुपारी छोड़कर बांकी पर लेप करने से नपुंसकता खत्म होती है।

    जोड़ों का दर्द

    लाल कनेर के पत्तों को पीसकर तेल में मिलाकर लेप बना लें और इस लेप को जोड़ों पर लगाएं। इसे लेप को सुबह-शाम जोड़ों पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।

    धातुरोग

    सफेद कनेर के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से धातुरोग एवं गर्मी से होने वाले रोग आदि ठीक होता है।

    अंडकोष की खुजली

    सफेद या लाल फूल वाली कनेर की जड़ को तेल में पका लें और इस तेल को अंडकोष की खुजली पर लगाएं। इससे अंडकोष की खुजली दूर होती है और फोडे़-फुंसी भी मिट जाते हैं।
    दर्द व सूजन

    – शरीर का कोई भी अंग सूजन जाने पर लाल या सफेद फूल वाले कनेर के पत्तों का काढ़ा बनाकर मालिश करें। इससे सूजन में जल्दी आराम मिलता है।

    – सूजन और दर्द को दूर करने के लिए लाल या सफेद फूल वाले कनेर की जड़ को गाय के मूत्र में पीसकर लगाएं। इससे सूजन व दर्द ठीक होता है।

    कृपया अपने नजदीकी वैद्य या डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

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